भारत में पनीर भारतीय व्यंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे त्योहार हो, शादी या रोज़ का खाना, पनीर लगभग हर घर की थाली में पाया जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में नकली पनीर का चलन बढ़ता जा रहा है, जो न केवल उपभोक्ताओं को धोखा देता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है।
नकली पनीर कैसे बनता है?
नकली पनीर सामान्यतः सस्ते और मिलावटी पदार्थों से बनाया जाता है, जैसे कि सिंथेटिक दूध, डिटर्जेंट, स्टार्च, और रिफाइंड ऑयल। इसमें दूध की मात्रा या तो बहुत कम होती है या फिर बिल्कुल भी नहीं होती। कुछ मामलों में पनीर में यूरिया, शैंपू, और अन्य हानिकारक रसायनों का भी प्रयोग किया जाता है।
नकली पनीर खाने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
नकली पनीर केवल धोखाधड़ी ही नहीं है, बल्कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है। इसमें मौजूद हानिकारक रसायन कई बीमारियों को न्यौता दे सकते हैं:
- पाचन समस्याएं – जैसे दस्त, उल्टी, पेट दर्द आदि।
- त्वचा पर रिएक्शन – एलर्जी, खुजली या चकत्ते हो सकते हैं।
- लीवर और किडनी पर असर – लंबे समय तक सेवन करने पर लीवर और किडनी को नुकसान।
- बच्चों की सेहत पर बुरा असर – बच्चों की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।
कैसे करें असली और नकली पनीर की पहचान?
1. उबालने का टेस्ट
पनीर के टुकड़े को पानी में डालकर उबालें। अगर वह पिघलने लगे या उसमें से तेल निकलने लगे, तो वह नकली हो सकता है।
2. आयोडीन टेस्ट
पनीर पर कुछ बूंदें आयोडीन की डालें। अगर रंग नीला हो जाए, तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
3. स्मेल टेस्ट
असली पनीर की गंध सौम्य होती है, जबकि नकली पनीर से केमिकल जैसी गंध आती है।
4. फील टेस्ट
असली पनीर नरम और मलाईदार होता है, जबकि नकली पनीर ज्यादा रबर जैसा लगता है।
सरकार और एफएसएसएआई की भूमिका
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) समय-समय पर नकली पनीर बनाने वाले कारखानों पर छापेमारी करता है और उन्हें बंद करता है। लेकिन यह जिम्मेदारी केवल सरकारी एजेंसियों की नहीं है, उपभोक्ताओं को भी जागरूक रहना होगा और संदिग्ध पनीर की शिकायत तुरंत करनी चाहिए।
क्या करें और क्या न करें
✅ हमेशा ब्रांडेड और प्रमाणित दुकानों से पनीर खरीदें।
✅ पैकेट पर FSSAI का लोगो और एक्सपायरी डेट जरूर देखें।
✅ खुले पनीर को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करें।
❌ बहुत सस्ते पनीर से सावधान रहें।
❌ शक होने पर तुरंत FSSAI या लोकल हेल्थ डिपार्टमेंट को सूचित करें।
निष्कर्ष
भारत में नकली पनीर एक गंभीर समस्या बन चुका है जो हमारे स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। एक जागरूक उपभोक्ता के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम न केवल खुद सुरक्षित रहें, बल्कि दूसरों को भी इसके प्रति सतर्क करें। थोड़ी सी सतर्कता आपको कई बड़ी बीमारियों से बचा सकती है।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें और सुरक्षित पनीर खरीदने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।
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